लाभार्थी वोट बैंक के जरिए चुनावी चुनौतियों को पार करेगी भाजपा

भोपाल, (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ सबका विकास के मंत्र को केंद्रीय बजट के जरिए साधा गया है। भाजपा नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में लाभार्थी वोट बैंक के जरिए चुनावी चुनौतियों को पार करने की कोशिश करेगी। बजट की सबसे बड़ी विशेषता आयकर की छूट काके सात लाख रुपये तक करना है। मध्यमवर्ग मतदान भले ही कम करे लेकिन वह अत्यंत मुखर वर्ग है। उसके कारण राजनीतिक वातावरणब नता है। इस कारण से मध्यमवर्ग का चुनावी राजनीति में बड़ा महत्व है। इसके अलावा देश की 144 शहरी लोकसभा सीटों पर भी मध्यम वर्ग का निर्णायक प्रभाव है। जाहिर है मध्यमवर्ग का दिल जीत कर भाजपा ने 144 लोकसभा सीटों को टारगेट किया है। 2009 में यूपीए की सरकार की वापसी मध्यमवर्ग के कारण ही हो सकी थी। उस समय देश का मध्यम वर्ग डॉ. मनमोहन सिंह की नीतियों पर फिदा थ। कल के बजट ने वही माहौल दोहराने की कोशिश की है। यूं शहरी मध्यम मार्ग पहले से ही भाजपा का बड़ा वोट बैंक रहा है। आयकर में छूट प्रदान कर पार्टी ने इस वोट बैंक को मजबूत किया है। ऐसा नहीं है कि बजट में केवल मध्यम वर्ग के लिए ही प्रावधान किए गए हैं। भाजपा ने किसानों के लिए अनेक योजनाएं लाई हैं, जिनमें कृषि स्टार्टअप, किसान क्रेडिट कार्ड के लिए 20 लाख करोड़ रुपए का आवंटन, डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम की राशि को दोगुना करना और मोटे अनाज को बढ़ावा देने से पार्टी को छोटे किसानों का समर्थन मिल सकता है। जिन की संख्या कुल किसानों में 80 फीसदी से अधिक है। मोटे अनाज अधिकतर छोटे किसान ही पैदा करते हैं, इनमें आदिवासी किसानों की संख्या काफी अधिक है। बजट में विश्वकर्मा कौशल विकास के नाम से जो योजना शुरु की है। उससे अति पिछड़े वोट बैंक को साधा गया है। इसयोजना से मूर्तिकारों, लोक कलाकारों को बढ़ावा मिलेगा। यह सभी कलाकार अधिकांश पिछड़े वर्ग से होते हैं। इस येाजना से 60 पिछड़ी जातियों को लाभान्वित किए जाने की कोशिश है। देश के लगभग 20 राज्यों में ओबीसी वर्ग की आबादी 48 से 52 फीसदी तक है। महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को 72 लाख के डिपॉजिट पर लगभग 7.5 फीसदी ब्याज मिलेगा। महिला उद्यमी भी अब अधिक छूट पाने की हकदार होंगी। उनके लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं। ब्याज में बढ़ोतरी का फायदा सबसे अधिक स्वयं सहायता समूह को मिलेगा। देश में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से दस करोड़ महिलाएं जुड़ी हुई हैं। बजट में बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन करोड़ मकान बन चुके हैं। इस योजना का बजट 66 फीसदी तक बढ़ाया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 79000 करोड़ का बजट रखा गया है। लोकसभा चुनाव तक करीब पांच करोड़ आवास गरीबों को आवंटित किए जा चुके होंगे। इसी तरह अन्य योजनाओं के माध्यम से 15 करोड़ लोगों को लाभान्वित किया जारहा है जबकि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने की योजना एक वर्ष तक बढ़ाई गई है। इस तरह बजट के माध्यम से गरीबों को अनेक तरह की सुविधाएं दी गई हैं।्र
्र्रं पार्टी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से दस करोड़ लोगों का मजबूत लाभार्थी वोट बैंक तैयार कर रही है। इस वोट बैंक का लाभ विधानसभा चुनाव में भी मिलेगा। सडक़ निर्माण और सिंचाई की परियाजनाओं का लाभ मध्यप्रदेश को भी मिलेगा क्योंकि प्रदेश से करीब नौ बड़े राजमार्ग निकलने वाले हैं। केन बेतवा नदी परियोजना को 3500 करोड़ आवंटित किए गए हैं। इससे बुंदेलखंड अंचल की तस्वीर बदल जाएगी। इसी तरह एकलव्य मॉडल स्कूल योजना से प्रदेश के आदिवासी अंचल को लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार 157 नर्सिंग कॉलेज देशभर में खुलने वाली है इनमें से 20 कॉलेज मध्यप्रदेश में खोले जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2004 के लोकसभा चुनाव के परिणामों को भूले नहीं हैं। उन चुनाव में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रमोद महाजन के नेतृत्व में इंडिया शाइनिंग और फीलगुड के नारे लगे थै। भाजपा ने ग्रामीण क्षेत्र की उपेक्षा की। नतीजे में से सत्ता गंवानी पड़ी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2004 के चुनाव के परिणामों से सबक लेकर पिछले नौ वर्षों में लगातार अपने बजट का फोकस ग्रामीण जनों पर रखा है। जाहिर है प्रधानमंत्री ने ग्रामीण वोट बैंक का हमेशा ध्यान रखा है। यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्र में भाजपा अब मजबूत नजर आने लगी है।