
कृषि क्षेत्र में योगी सरकार ने बनाए कई रिकार्ड, चार साल में पूरा किया वादा

-86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ रुपये ऋण माफ
-एमएसपी में लगभग दोगुना बढ़ोत्तरी, 45 कृषि उत्पाद मंडी शुल्क से मुक्त
-गोवंश आधारित जीरो बजट खेती को मिला प्रोत्साहन
-गन्ना और चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम
-देश के कुल चीनी उत्पादन में यूपी की लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी
-अनाज उत्पादन और खरीद में यूपी ने बनाया रिकार्ड
-पिछली सरकारों के मुकाबले कई गुना ज्यादा कृषि विकास
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में कृषि विकास के लिए जो संकल्प लिया था, उसे योगी सरकार ने सिर्फ 4 सालों में पूरा कर दिखाया है। कृषि क्षेत्र में योगी सरकार ने कई रिकार्ड को अपने नाम किया है। जहां गन्ना और चीनी उत्पादन में उप्र को देश में प्रथम स्थान मिला, वहीं अनाज उत्पादन और खरीद में भी यूपी ने रिकार्ड बनाया है। कृषि विकास की दिशा में योगी सरकार ने 32 क्षेत्रों में बड़े कदम उठाये हैं, जो पिछली सरकारों में नहीं हुआ। योगी सरकार के एक प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि विधानसभा चुनाव-2017 में जारी भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र में किसानों से किए गए वादों को राज्य सरकार ने चार साल में पूरा कर दिया। 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ रुपये के ऋण मोचन से शुरू हुआ सिलसिला प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और फसल बीमा योजना से लेकर रिकार्ड कृषि उत्पादन और देश में सबसे ज्यादा अनाज खरीद तक जारी है। बताया कि योगी सरकार ने प्रदेश में कृषि विकास की नई नींव रखी। कुछ साल पहले तक घाटे का सौदा मानी जाने वाली खेती को तकनीक के तालमेल से लाभ का सौदा बनाकर किसानों को दोगुनी आय की सौगात दे दी। कहाकि गन्ना किसानों को रिकार्ड भुगतान कर उनकी किस्मत बदल दी। राज्य सरकार ने 4 साल में 45.74 लाख गन्ना किसानों को 1 लाख, 37 हजार, 891 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। यह बसपा सरकार से दोगुना और सपा सरकार के कार्यकाल में किए गए गन्ना भुगतान के मुकाबले डेढ़ गुना अधिक है। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कृषि, किसान और खेतिहर मजदूर तीनों के विकास का वादा पूरा करते हुए योगी सरकार ने न सिर्फ रिकार्ड अनाज उत्पादन और खरीद का रिकार्ड ही नहीं बनाया, बल्कि खरीद प्रक्रिया से बिचौलियों को बाहर करते हुए 72 घंटे में किसानों के खातों में सीधा भुगतान किया।
वर्षवार यूपी में कृषि उत्पादन
वर्ष 2014-2015 - 389.28 लाख मी0 टन
वर्ष 2016-2017 - 557.46 लाख मी0 टन
वर्ष 2018-2019 - 604.15 लाख मी0 टन
वर्ष 2019-2020 - 601.84 लाख मी0 टन
वर्ष 2020-2021 - 624.19 लाख मी0 टन
धान खरीद (विपरण वर्ष 2020-21)
कुल केन्द्रों की संख्या – 4,453
कार्यकारी लक्ष्य (लाख मी.टन) - 55.000000
किसानों की संख्या जिनसे खरीद हुई – 13,05,929
कुल खरीद (मी.टन) - 6684277.433290
कुल भुगतान हेतु धनराशि - 12,491,88,80,242.07 रुपए
मक्का खरीद (विपरण वर्ष 2020-21)
कुल केन्द्रों की संख्या - 110
कार्यकारी लक्ष्य (लाख मी.टन) - 18.000000
किसानों की संख्या जिनसे खरीद हुई – 24,859
कुल खरीद (मी.टन) - 106412.680000
कुल भुगतान हेतु धनराशि – 1,96,86,34,580 रुपए
गेहूं खरीद (विपरण वर्ष 2020-21)
कुल केन्द्रों की संख्या – 5678
किसानों की संख्या जिनसे खरीद हुई – 12,98,284
कुल खरीद (मी.टन) - 5641202.205260
कुल भुगतान हेतु धनराशि – 1,11,41,18,98,765.17 रुपए
गन्ना भुगतान
अब तक कुल 137,891 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान कराया जा चुका है। पेराई सत्र 2019-20 में संचालित सभी 119 चीनी मिलों का शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित कराया जा चुका है। पेराई सत्र 2018-19 में संचालित सभी 119 चीनी मिलों का शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित कराया जा चुका है। पेराई सत्र 2017-18 के कुल देय गन्ना मूल्य 35,463.71 करोड़ के सापेक्ष 35,442.14 करोड़ का भुगतान कराया जा चुका है, जो कुल देय का 99.94 प्रतिशत है।
कृषि विकास की दिशा में योगी सरकार के बड़े कदम
- गोवंश आधारित जीरो बजट खेती को मिला प्रोत्साहन
- भदोही और गोरखपुर में वैटेनरी विश्वविद्यालय का प्रस्ताव
- गन्ना और चीनी उत्पादन में उत्तरप्रदेश का देश में प्रथम स्थान
- देश के कुल चीनी उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी
- कोरोना काल में भी 119 चीनी मिलों का कराया सफल संचालन
- रमाला, बागपथ चीनी मिल की पेराई क्षमता हुई 5,000 टीसीडी
- पिपराइच, गोरखपुर में 5,000 टीसीडी क्षमता की नई चीनी मिल
- मुंडेरवा, बस्ती में 5,000 टीसीडी पेराई क्षमता की नई चीनी मिल
- 91 चीनी मिलों को लॉकडाउन में सेनेटाइजर बनाने का लाइसेंस
- गन्ना मिलों द्वारा 1500 करोड़ रुपए की बिजली का उत्पादन
- मुंडेरवा, बस्ती में 5,000 टीसीडी का सल्फरलेस चीनी मिल शुरू
- पिपराइच में 5,000 टीसीडी का सल्फरलेस चीनी मिल शुरू
- 46 वर्षों से लंबित बाण सागर परियोजना को पूर्ण किया गया
- 8 अन्य लघु और मध्यम श्रेणी की बांध परियोजनाएं भी पूर्ण
- 3.77 लाख हेक्टेयर खेतों की सिंचन क्षमता में हुई वृद्धि
- 50 लाख किसान ड्रिप स्प्रिंकलर सिंचाई योजना से लाभान्वित
- 2.97 लाख से अधिक किसानों को मुफ्त बोरिंग योजना का लाभ
- 2,409.64 करोड़ से 247 बाढ़ परियोजनाओं का कार्य प्रारंभ
- 149 बाढ़ परियोजनाएं पूरी तथा 98 का कार्य प्रगति पर
- 40 से 70 प्रतिशत का अनुदान पाकर 19,483 सोलर पम्प स्थापित
- बुंदेलखंड में कराया गया 13,645 खेत तालाबों का निर्माण
- बुंदेलखंड में 75 राजकीय नलकूपों का निर्माण कार्य पूरा
- बुंदेलखंड में बिजली बिल के फिक्स चार्ज 50-75 प्रतिशत तक राहत
- प्रदेश सरकार को मिले कृषि कर्मण पुरस्कार
- 20 नए कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना
- ई-उपार्जन पोर्टल पर दो लाख किसानों का पंजीयन
- 37 मंडियों में 1.85 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता में विस्तार 45 कृषि उत्पादों को मंडी शुल्क से किया गया मुक्त
- 27 मंडियों को आधुनिक किसान मंडी के रूप में विकास
- 24 मंडियों में कोल्ड स्टोरेज और राइपनिंग चैम्बर्स का निर्माण