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कोरोना संकट पर लिखी पुस्तक चर्चाओं में

गागर में सागर के रूप में समाई है कोरोना काल पुस्तक-एएसपी समीर यादव


सीहोर। पूरी दुनिया के समाज को बदलने का काम कोरोना संकट ने कर दिया है। कोरोना संकट ने पुलिसकर्मियों, स्वास्थ्य कर्मचारियों से लेकर सामान्य मजदूरों तक विभिन्न वर्गों और कार्यों के प्रति समाज में लोगों के सामान्य नजरिये को बदलने का भी अवसर प्रदान किया है। इस महामारी में हमारे युवा लेख आकाश माथुर की कोरोना महामारी में दर्द और मदद से भरी दास्तान देश की ऐसी पहली पुस्तक बन गई है। जिसके मात्र 88 पन्नों में गागर में सागर समा गया है। उक्त विचार शहर के सम्राट कम्प्लेक्स पीसी लेब में आयोजित कोरोना काल पुस्तक के विमोचन के अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समीर यादव ने कहे। इस मौके पर उन्होंने पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि कोरोना काल अब तक की सबसे बढ़ी महामारी में से एक है। इसके कारण देश ही नहीं विदेशों में हाहाकार मच गया था। इस पुस्तक में दर्द और मदद दोनों का उल्लेख है। वहीं इस मौके पर नगर के प्रसिद्ध लेख पंकज सुबीर पुरोहित ने कहा कि हमारे श्री माथुर द्वारा लिखी देश की पहली पुस्तक है। जिसमें कोरोना काल में मजदूरों की पीड़ा के साथ अन्य की मदद जुड़ी हुई है। इस महामारी ने बहुत बड़ा बदलाव किया है। गुरुवार को शिवना प्रकाशन के द्वारा पुस्तक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम के दौरान शहयार खान, हिमांशु कटारे और कपिल जैन आदि शामिल थे। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का सफल संचालन प्रदीप चौहान द्वारा किया गया।

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