कोरोना के डर से तानाशाह किम जोंग उन ने बनाई दूरी

सियोल, । कोरोना वायरस के कहर से दुनिया बेहाल है और चार लाख लोग अब तक इससे मारे जा चुके हैं। इस महासंकट के बीच खुद को कोरोना वायरस से फ्री बताने वाले नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग काफी दिनों बाद दुनिया के सामने आए। इस दौरान उनके चेहरे पर मुस्कराहट थी लेकिन हावभाव से वह कोरोना से काफी डरे-डरे हुए नजर आए। किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया में सत्तारूढ़ अपनी वर्कर्स पार्टी के पोलित ब्यूरो की एक बैठक अध्यक्षता की। इस दौरान जहां पोलित ब्यूरो के अन्य सदस्य पास-पास नजर आए, वहीं किम जोंग उन ने दो मीटर की दूरी बनाए रखी। इससे पहले ऐसी खबरें आई थीं कि किम जोंग उन गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं लेकिन किम जोंग उन ने बाद में दुनिया के सामने आकर सभी अटकलों को खत्म कर दिया था। राजधानी प्योंगयांग में आयोजित बैठक के दौरान किम जोंग उन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दिखे। उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि उनका देश कोरोना से मुक्त है। इसके बाद भी किम जोंग उन अपने सहयोगियों से दूरी बनाते हुए दिखे। उत्तर कोरिया की ओर से जारी तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि किम जोंग उन के पास रखी कुर्सियों को हटा लिया गया है। माना जा रहा है कि किम जोंग और उनके सहयोगियों के बीच उचित दूरी बनी रहे, इसलिए इन कुर्सियों को हटाया गया। हालांकि तस्वीरों में किम जोंग उन स्वस्थ नजर आए। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से तानाशाह किम जोंग उन इतना ज्यादा डर गए थे कि वह अप्रैल में अपनी निजी ट्रेन से राजधानी से बाहर चले गए थे। उनकी ट्रेन को वोनसन-काल्मा प्रायद्वीप में अपने एक निजी विला के पास देखा गया था। उस समय दक्षिण कोरिया से ऐसी खबरें आई थीं कि बेहद मोटे और कई बीमारियों से जूझ रहे किम जोंग उन की 12 अप्रैल को हार्ट सर्जरी हुई थी। ऐसी खबरें आई थीं कि किम जोंग उन सैर पर निकले थे, इसी दौरान गिर पड़े थे। पोलित ब्यूरो की मीटिंग में किम जोंग उन ने घरेलू आर्थिक संकट पर चर्चा की। उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए ने कहा कि इस बैठक के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने और लोगों के जीवनस्तर को सुधारने पर चर्चा की गई। किम जोंग उन ने बैठक के दौरान दक्षिण कोरिया या उत्तर कोरियाई विद्रोहियों के बारे में कुछ नहीं कहा। इससे पहले किम जोंग उन की बहन ने चेतावनी दी थी कि अगर साउथ कोरिया ने उत्तर कोरियाई विद्रोहियों के खिलाफ ऐक्शन नहीं लिया तो उनका देश संबंध तोड़ लेगा।