किन्नरों की अवैध वसूली से ट्रेनों में यात्री परेशान
पैसे न देने पर करते है बदसलूकी व मारपीट

भोपाल, (संदीप पंडा)।
इन दिनों ट्रेनों में किन्नरों द्वारा अवैध वसूली से ट्रेन यात्री खासा परेशान है, जिनकी सुध लेने वाला कोई भी नहीं नजर आता है, किन्नरों द्वारा अवैध वसूली की रोजाना खबरे आती रहती है कई बार तो नौबत यहां तक आ जाती है जब इन्हें पैंसे नहीं मिलते है तो यह उग्र होकर मारपीट करने तक उतर आते है, लेकिन इसकी रोकथाम में रेल पुलिस बेबस नजर आजर रही है, इन दिनों भोपाल प्रतापगढ, गोरखपुर एलटीटी, पुष्पक एक्सप्रेस, राप्ती सागर, चेन्नई एक्सप्रेस, अमरकंटक, पंजाब मेल, जनशताब्दी सहित कई ट्रेनों में किन्नरों के गुट कोच में घुस जाते है और अवैध वसूली करते है पहले तो ये किन्नर सिर्फ जनरल कोच तक ही सीमित रहते थे, लेकिन रेल पुलिस की मिली भगत से इनके हौसले इतने बुलंद है कि यह स्लीपर कोच से लेकर थर्ड ऐसी तक में वसूली करते है, हमारे संवाददाता द्वारा जब भोपाल प्रतापगढ, राप्ती सागर, गोरखपुर एलटीटी में इसकी पुष्टि के लिये सफर किया गया तो यह बात साफ हो गई कि बिना रेल पुलिस के तालमेल बगैर यह संभव नहीं हो सकता, हमारे संवाददाता के सामने विदिशा से एक गुट किन्नरों का ट्रेनों में चढा और वसूली करने लगा कई यात्रियों ने उनके डर और बेईज्जत होने से बचने के लिये 10-10 रूपये दे दिये लेकिन जो यात्रियों ने देने से मना किया तो उनके द्वारा बदसलूकी की जाने लगी जिसके पश्चात उन्होंने भी उनको पैंसे दे दिये, धीरे धीरे वसूली करते हुए एक किन्नर हमारे संवाददाता के पास पहुंचा और दुआएं देते हुए पैंसों की मांग की, हमारे संवाददाता ने देने से मना किया और अपना परिचय दिया, जिसके पश्चात वह हंस कर आगे बढ गया, मुझे आश्चर्य इस बात का हुआ कि वह किन्नर बिना किसी डर, भय के लोगों से वसूली कर रहा था, गौर करने वाली बात तो यह थी कि वह आगामी स्टेशन बीना पर अपने गुट के साथ उतर गया और उनके हाल खबर लेने वाला रेल्वे का कोई अधिकारी/पुलिस का जवान वहां मौजूद नहीं था। हमारे संवाददाता द्वारा जब उन यात्रियों से चर्चा की गई जिनसे वसूली की गई थी कि आप लोग पैसों क्यूं देते हो रेल्वे हेल्पलाईन पर फोन क्यों नहीं करते हो तो उनके द्वारा बताया गया हम लोगों का अधिकतर अप डाउन लगा रहता है कई बार हमने कॉल की है लेकिन जब तक रेल्वे पुलिस हम तक आती है जब तक वह ट्रेन से उतर जाते है, और यदि आप उनसे पैसों का मना करते है तो अमानवीय व्यवहार करते है, जिसके भय से हम लोगों को पैंसा देना पड़ता है, कई बार तो रेल पुलिस भी किन्नरों की हरकत से नजर फेर लेती है।