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कल निकाली जाएगी शोभा यात्रा, किया जाएगा विशाल भंडारा

रुक्मणी विवाह प्रसंग सुन भाव-विभोर हुए श्रद्धालु



सीहोर। ग्राम बिजौरा में जारी सात दिवसीय भागवत कथा में गुरुवार को भगवान श्रीकृष्ण और माता रुकमणी विवाह का प्रसंग कथा वाचक पंडित कपिल कृष्ण महाराज ने सुनाया। यहां पर मौजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। श्रीमद् भागवत कथा में श्रीकृष्ण और रुक्मणी का विवाह बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। विवाह उत्सव के दौरान कई भजनों की प्रस्तुति दी गई इस मौके पर श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया।

कथा के छठवें दिवस पंडित कपिल महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण तो भाव और विश्वास के प्रतीक है। माता रुकमणी ने उनको याद किया तो वह उनको अपनाने के लिए चले आए। मनुष्य पूरे जीवन इधर-उधर भटकता रहता है, जबकि भक्त के दिल में भगवान का वास होता है। लेकिन आज के युग में प्रत्येक व्यक्ति की हालत हिरण जैसी हो गई है। जैसे हिरण के शरीर में कस्तूरी होती है लेकिन वह कस्तूरी की खोज में जगह-जगह भटकता रहता है। इसी तरह से भगवान की खोज में मनुष्य जगह-जगह भटक रहा है। यदि प्रत्येक व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ भगवान का भजन, पूजा करे तो निश्चित तौर पर उनके इष्ट आराध्य देव उनको दर्शन देने के साथ-साथ उनके कष्टों का निवारण करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को थोड़ा समय भगवान की भक्ति में अवश्य लगाना चाहिए। हमारे व्यवहार पर ही हमारे जीवन का आधार बना हुआ है। अच्छे बनो और अच्छे कर्म करो, यह सिद्धांत सत्य के सिद्धांत पर आधारित है। हमारी समस्या है अच्छे और बुरे में भेद कैसे करें।

आज किया जाएगा महा प्रसादी का वितरण

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार ग्राम बिजौरा में जारी सात दिवसीय भागवत कथा शुक्रवार को समापन की जाएगी। इस मौके पर कथा के अंतिम दिन भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा चरित्र का वर्णन के साथ ही कथा के सापन के पश्चात शोभा यात्रा निकाली जाएगा और महा प्रसादी का वितरण किया जाएगा। ग्रामीणों ने सभी श्रद्धालुओं से कथा का श्रवण करने की अपील की है।