कला, कौशल, प्रतिभा और उद्यमशीलता का मंच बना सूरजकुंड : रामनाथ कोविंद
राष्ट्रपति ने किया 34वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले का उद्घाटन

फरीदाबाद । देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को फरीदाबाद में 34वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का मुख्य चौपाल पर दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया। राष्ट्रपति ने कहा कि यह मेला भारत के लोगों के कला कौशल, प्रतिभा और उद्यमशीलता का एक मंच बन गया है। पिछले 33 वर्षों से इस मेले में शिल्पकारों और आगन्तुकों की संख्या बढ़ती गई है, जिससे यह मेला केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित करता है।
उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक विरासत के रूप में सूरजकुंड मेले की पहचान है और इस मेले में गांव की खुशबू और भारतीय समृद्ध संस्कृति का प्रदर्शन होता है। उन्होंने कहा कि भारत के सभी त्योहार हमारी संस्कृति के परिचायक हैं और सभी भाईचारे व एकता का संदेश देते है। यह मेला देश की आर्थिक समृद्धि का आधार है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मेले के डिजिटल स्वरूप की सराहना करते हुए मेला मोबाइल एप्लिकेशन, टिकटिंग और डिजिटल पेमेंट व्यवस्था को भी सराहा। उन्होंने कहा कि ऐसे मेले आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हैं। पंचायत से पार्लियामेंट तक के प्रतिनिधियों को उज्ज्वल कल के लिए लोकल को बढ़ावा देना चाहिए। इस मेले के आयोजन के लिए हरियाणा के राज्यपाल और मुख्यमंत्री बधाई के पात्र हैं। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने की। मुख्यमंत्री मनोहर लाल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, उज्बेकिस्तान के राजदूत फरहाद आरजिएव सहित अनेक विशिष्टजन भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी श्रीमती सविता कोविंद और बेटी स्वाति कोविंद भी मौजूद रहीं। उन्होंने उज्बेकिस्तान पैवेलियन में स्टाल पर उत्पादों की जानकारी ली। सूरजकुंड मेला परिसर में तैयार किए गए हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध भीमकाली मंदिर के प्रारूप का अवलोकन किया।मेला उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए उज्बेकिस्तान के राजदूत फरहाद आरजिएव ने कहा कि इंडिया और उज्बेकिस्तान के बीच पुराने समय से गहरा सम्बन्ध आज का कार्यक्रम हमारी मित्रता के लिए एक और माइल स्टोन है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि वह सौभागयशाली हैं कि उन्हें 34वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला में आने का मौका मिला। उन्होंने राष्ट्रपति का हिमाचल प्रदेश की ओर से अभिनंदन करते हुए कहा कि मेला में थीम स्टेट बनने का हिमाचल प्रदेश को 24 साल बाद अवसर मिला है।
उन्होंने मंच पर मौजूद सभी अतिथियों को हिमाचल प्रदेश आने का निमंत्रण देते हुए कहा कि हिमाचल एक छोटा, लेकिन बहुत सुंदर प्रदेश है। यहां नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा की अढ़ाई करोड़ जनता की ओर से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिनन्दन, प्रथम महिला श्रीमती सविता कोविंद, राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का भी अभिनन्दन करते हुए कहा कि आज का स्थान, समय और अवसर तीनों महत्वपूर्ण है। मेले में 26 देशों के कलाकार अपनी दस्तकारी लेकर आए हैं, जिनका सदैव प्रयास रहा कि भारतीय संस्कृति का प्रसार किया जाए और अन्य देशों की संस्कृति के साथ तालमेल किया जाए, ताकि वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को बढ़ावा मिले। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणवी संस्कृति की कला को हम विदेशों तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र को तीर्थ के रूप में अलग पहचान देने के लिए विकसित किया जा रहा है। राष्ट्रपति भवन में टाइटेनियम धातु की श्रीमद्भागवत गीता की प्रति मौजूद है, उसे कुरूक्षेत्र में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा की इस धरा पर पहुंचे देश-विदेश के कलाकार सुखद अनुभूति के साथ लेकर जाएं। इस वर्ष मेले का थीम स्टेट देवभूमि हिमाचल प्रदेश है और यह यह मेला हिमाचल के बुनकरों, शिल्पकारों को समर्पित है। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को हरियाणा, हिमाचल प्रदेश औऱ उज्बेकिस्तान की ओर संयुक्त रूप से विघ्नहर्ता गणेश जी की प्रतिमा भेंट की गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी स्मृति चिन्ह भेंट किया। मेले की थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का हिमाचल की टोपी से अभिनंदन किया। उद्घाटन समारोह में देश व विदेशों से आए कलाकारों ने विभिन्न प्रकारों के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिन्हें अतिथिगणों ने जमकर सराहा।