एनएसयूआई जिलाध्यक्ष देवेन्द्र ठाकुर ने दी प्रदर्शन की चेतावनी
पीजी कालेज में विधि संकाय संचालित कराने की मांग

सीहोर। शासकीय पीजी कॉलेज में पहले विधि संकाय संचालित था जहां से कई विद्यार्थी जज व वकील बने, लेकिन शासन की अनदेखी से विधि संकाय बंद हो गया। हाल के दिनों में शासन ने कालेज में विधि संकाय छह में संचालित कराने के लिए पत्र भेजा है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसको लेकर भारतीय छात्र संगठन आगामी दिनों में प्रदर्शन करने वालों है। इस संबंध में जानकारी देते हुए एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि पूर्व में तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी को ज्ञापन सौंपा गया था युवक कांग्रेस के अध्यक्ष राजीव गुजराती जो जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष थे, उसके बाद पीजी कालेज में विधि संकाय संचालित कराने को लेकर महाविद्यालय में दो शिक्षकों की व्यवस्था की गई थी। यहां पर पुस्तकालय और कक्ष भी लेकिन विधि संकाय संचालित नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि हमारी शासन से सात सूत्रीय मांग है। जिसमें 1-सीहोर विधि संकाय काफी पुराना है जिसमें नाम मात्र फीस में गरीब एवं वंचित छात्रों को विधि की शिक्षा दी जाती है। 2-सीहोर जिले में शासकीय विधि महाविद्यालय ना होने के कारण गरीब एवं शोषित वर्ग के बच्चे विधि की पढ़ाई से वंचित हैं। 3-काफी संख्या में सीहोर जिले के छात्र-छात्राएं विधि पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए आते हैं परंतु विधि महाविद्यालय ना होने के कारण लौट जाते हैं। 4-मुख्यमंत्री का जिला होने के बावजूद सीहोर जिले में एक भी शासकीय विधि महाविद्यालय नहीं है। 5-पूर्व में विधि महाविद्यालय पीजी कॉलेज सीहोर के ही परिसर में संचालित था एवं निर्धारित एप्लीकेशन फीस 5000 एवं निरीक्षण शुल्क रुपए 1 लाख 50 हजार बीसीआई को 2015 में भेजे जा चुके हैं परंतु कॉलेज प्रशासन की लापरवाही के कारण आज तक बीसीआई का निरीक्षण नहीं हुआ। 6- दिसंबर 2019 में सरकार ने पीएससी चयनित 2 विधि के सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति पीजी कॉलेज सीहोर में की परंतु कॉलेज प्रशासन द्वारा विधि पाठ्यक्रम प्रारंभ कराने की कोई पहल नहीं की गई। 7- अगस्त 2020 में मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जिन कॉलेजों में बीसीआई का निरीक्षण नहीं हुआ उन्हें 6 महीने के अंदर निरीक्षण कराने की शर्त पर प्रवेश की अनुमति प्रदान की गई है इसी आधार पर पीजी कॉलेज सीहोर में भी प्रवेश कराया जा सकता है।