इटली से आया 34 टन जिओलाइट, लगेंगे 500 ऑक्सीजन प्लांट
- डीआरडीओ ने दुनिया के कई देशों से जिओलाइट आयात करने का ऑर्डर दिया - 'जिओलाइट' के साथ एयर इंडिया की दो फ्लाइट बेंगलुरु के एयरपोर्ट पर उतरीं - एयर इंडिया ने ऑक्सीजन घटक लाने के लिए 'जियोलाइट कार्गो उड़ानें' शुरू कीं नई दिल्ली । पीएम केयर्स फंड से देशभर में 500 ऑक्सीजन प्लांट्स लगाकर मौजूदा समय में चल रही ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने की योजना है। प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति में राहत फंड से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की तैयारी कर रहा है। डीआरडीओ ने ऑक्सीजन उत्पादन के प्रमुख घटक जिओलाइट का आयात करने के लिए अमेरिका, ब्रसेल्स, टोक्यो और कोरिया को ऑर्डर दिया है। इन देशों से ऑक्सीजन घटक लाने के लिए एयर इंडिया ने 'जियोलाइट कार्गो उड़ानें' शुरू की हैं। इसी क्रम में इटली से 34,200 किलोग्राम (करीब 34.2 मीट्रिक टन) जिओलाइट लेकर एयर इंडिया की दो उड़ानें रविवार को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर उतरीं हैं। इस समय देश ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहा है। कोविड संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण कई राज्यों में जरूरत के मुताबिक चिकित्सकीय ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पा रही है। प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति में राहत फंड से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की तैयारी में है। कोविड-19 महामारी के बीच देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति की मांग को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने दुनिया के विभिन्न देशों से 'जियोलाइट' आयात करने का फैसला लिया है। इस खनिज का इस्तेमाल प्रेशर स्विंग अब्सॉर्प्शन (पीएसए) ऑक्सीजन संयंत्रों में इस्तेमाल होता है। भारत सरकार देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों से जिओलाइट आयात करने की प्रक्रिया में है। पीएम केयर्स फंड से 500 ऑक्सीजन प्लांट तीन माह के भीतर देशभर में लगाये जाने हैं। डीआरडीओ ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों से जिओलाइट मंगाने के लिए एयर इंडिया को ऑर्डर दिया है। इसके लिए एयर इंडिया ने 'जियोलाइट कार्गो उड़ानें' शुरू करके दुनिया के विभिन्न हिस्सों से डीआरडीओ के लिए जिओलाइट लाने का काम शुरू कर दिया है। एक विशेषज्ञ के अनुसार इस खनिज का इस्तेमाल ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले संयंत्र में होता है। जिओलाइट बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन उत्पादन प्रक्रिया का प्रमुख घटक है। जिओलाइट आधारित ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर प्रणालियों का उपयोग चिकित्सा ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिए किया जाता है। जिओलाइट का उपयोग आणविक चलनी के रूप में हवा से शुद्ध ऑक्सीजन बनाने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में नाइट्रोजन का सोखना शामिल होता है, जिससे अत्यधिक शुद्ध ऑक्सीजन और 5 प्रतिशत तक आर्गन निकलता है। एयर इंडिया के दो विमानों ने शनिवार को रोम से 34,200 किलोग्राम जिओलाइट के साथ उड़ान भरी थी। दोनों कार्गो प्लेन रविवार को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे हैं। डीआरडीओ की ओर से बताया गया है कि 15 से 18 मई के बीच एयर इंडिया की कुल सात चार्टर उड़ानें रोम से जिओलाइट लाने के लिए निर्धारित की गई हैं। इसके बाद 19 से 22 मई के बीच कोरिया से आठ उड़ानों से 'जियोलाइट' की खेप बेंगलुरु आएगी। इसके अलावा 20 से 25 मई के बीच अमेरिका के नेवार्क लिबर्टी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ानों को निर्धारित किया है। इसके बाद अगले हफ्तों में अमेरिका, बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स, जापान की राजधानी टोक्यो से जिओलाइट की खेप लाने के लिए एयर इंडिया की चार्टर उड़ानें निर्धारित की गईं हैं। हालांकि देश में ऑक्सीजन की ज