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आरबीआई के दायरे में होंगे देश के सभी सहकारी बैंक

-केंद्र ने अध्यादेश को दी मंजूरी, मुद्रा लोन में दो प्रतिशत की छूट


नई दिल्ली, । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इन फैसलों में देश के सहकारी बैंकों को आरबीआई के दायरे में लाने के साथ मुद्रा शिशु लोन में एक साल के लिए ब्याज दरों में दो फीसदी की कमी करने का ऐलान किया गया। सहकारी बैंकों को आरबीआई के दायरे में लाने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दी गई है।

प्रधामंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यह बैठक दिल्ली के 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पर हुई। सरकार ने मुद्रा ऋण योजना के तहत दिए जाने वाले शिशु ऋण पर ब्याज में छूट का एलान किया। बैंकिंग क्षेत्र में लिए गये फैसले के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकारी बैंक, जिसमें 1482 शहरी कोऑपरेटिव बैंक और 58 मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव बैंक भी शामिल हैं, इन्हें अब रिजर्व बैंक की निगरानी में लाया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पर्यवेक्षण में 1,540 सहकारी बैंकों को लाने का निर्णय, इन बैंकों के 8.6 करोड़ से अधिक जमाकर्ताओं को आश्वासन देगा कि उनकी राशि 4.84 लाख करोड़ रुपये तक सुरक्षित रहेगी। आरबीआई की शक्तियां जैसे कि अनुसूचित बैंकों पर लागू होती हैं, वैसे ही अब सहकारी बैंकों के लिए भी लागू होंगी। इसके लिए कैबिनेट एक अध्यादेश पारित किया है, जिसे राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। ये सारे बैंक आरबीआई के सुपरविजन में आ जाएंगे। इससे निवेशकों को भरोसा मिलेगा कि उनका पैसा सुरक्षित है।

शिशु लोन को ब्याज पर दो फीसदी की छूट

केंद्रीय मंत्रियों प्रकाश जावडेकर, जितेंद्र सिंह और गिरिराज सिंह ने कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। मुद्रा लोन के तहत शिशु लोन को ब्याज में दो फीसदी की छूट मिलेगी। इससे नौ करोड़ 37 लाख से अधिक लाभार्थियों को लाभ होगा। मुद्रा लोन के तहत 50 हजार रुपये तक के लोन को शिशु लोन कहते हैं। यह योजना 1 जून से शुरू होगी और मई 2021 तक चलेगी। इस साल इस पर 1546 करोड़ रुपये का खर्च होगा।

कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट

कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को भी मंजूरी दे दी। इसमें तीन किमी की एयरस्ट्रिप बन चुकी है। इसमें एयरबस जैसा बड़ा विमान उतर सकता है।


इससे थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर और श्रीलंका से आने वाले बौद्ध श्रद्धालुओं को फायदा होगा। साथ ही इससे आसपास के जिलों को भी फायदा होगा।

ओबीसी आयोग का कार्यकाल बढ़ा

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अन्य पिछड़ा वर्ग के भीतर उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत गठित आयोग के कार्यकाल को छह महीने (31 जनवरी 2021) तक बढ़ाने की मंजूरी दी है। ओबीसी कमीशन इस बात का भी ध्यान रखेगा कि स्पेलिंग में गलती की वजह से किसी जाति के लोगों को आरक्षण के लाभ से वंचित न होना पड़े। ओबीसी कमीशन की अवधि छह महीने के लिए बढ़ाई गई है। कमीशन इसकी रिपोर्ट जनवरी 2021 तक दे सकता है। इसके अलावा सरकार