अभी उम्र नहीं है कुर्सी की

कुमार विनोद
उम्र का मामला बड़ा ही पेचीदा है जनाब! कई बार तो उम्र तमाम हो जाती है, मगर यह कमबख्त फिर भी समझ में नहीं आता। उम्र के बारे में जितने मुंह उतनी ही बातें अक्सर ही सुनने को मिल जाती हैं। उन्हीं सुनी-सुनाई बातों में एक बात यह भी है कि ‘उम्र महज एक आंकड़ा होती है।’ अब इसे मानना या न मानना तो इसको सुनने वाले के ऊपर निर्भर करता है। वैसे उम्र के पिचासीवें साल में भी जब कोई मेरे पिता जी से उनकी उम्र पूछता था तो वह जवाब में गर्व-मिश्रित विनम्रता के साथ ‘पिचासी साल’ बोलने से पहले मंद-मंद मुस्कुराते हुए ‘सिर्फ’ शब्द को विशेषण के रूप में लगाना नहीं भूलते थे। ताउम्र, उम्र बताने से पहले उनका ‘सिर्फ’ लगाने का यह सिलसिला ‘सिर्फ बयानवे’ साल तक ही चल पाया।
प्राचीन काल में मनुष्य की उम्र को सौ बरस का मानकर उसे पच्चीस-पच्चीस बरस के चार बराबर भागों ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास आश्रम में बांटा गया था। कालांतर में उम्र घटती गई, दीगर चीजें बढ़ती गईं और इंटरनेट युग तक आते-आते तो सब कुछ ही गड्डमड-सा हो गया। किसी जमाने में फिल्मी गीतकार लिखता था तू कितने बरस का, तू कितने बरस की, और फिर हीरो-हीरोइन को सोलह-सत्रह बरस का बताकर, लगे हाथ इक-दो बरस जऱा दूर रहने की ताकीद भी कर देता था। हालांकि, इसके विपरीत चचा गालिब बरसों पहले ही फरमा गए थे कि आह को चाहिए इक उम्र असर होने तक, कौन जीता है तेरी जुल्फ के सर होने तक। यह बात दीगर है कि बाद में मामला चौदवीं का चांद हो तुम चौदवें ही साल में तक जा पहुंचा। हालांकि, बीच-बीच में अभी उम्र नहीं है प्यार की टाइप बातें भी हवा में खुशबू की तरह तैरती रहीं। प्रेमी-प्रेमिकाओं को समय-असमय गीत-गज़़लों का आकर्षक जामा पहनाकर इस तरह बिना मांगे दी जाने वाली भरपूर सलाहों का कितना असर हुआ, शोध का विषय हो सकता है। लेकिन राजनीति के मैदान में अर्जुन की तरह अपने निशाने पर टकटकी लगाए किसी हैंडसम, अंग्रेज़ीदा युवा नेता को फिलहाल वानप्रस्थ-संन्यास की सीमा रेखा पर खड़े दलीय-पितामह ने यह बुदबुदाने पर ज़रूर मजबूर कर दिया है कि वो कहते हैं हमसे, अभी उम्र नहीं है कुर्सी की।
बहरहाल, जानकारों की मानें तो, सिर्फ 150 साल पुराने राजनीतिक दल में कम उम्र के युवा नेताओं की सहूलियत के लिए एक रगड़ाई-प्रकोष्ठ गठित किए जाने की संभावनाओं पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है। हो सकता है कि आम जनता से भी इस विषय में सुझाव आमंत्रित कर लिए जाएं। आप भी तैयार रहिएगा!