अपने हक के लिए आखिरी दम तक लडने के लिए तैयार रहें अनुसूचित जनजाति के लोग
- धर्मांतरितों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर करने के लिए जनजाति समाज ने भरी हुंकार
- सीहोर में 8 हजार से भी अधिक संख्या में एकत्रित हुए अनुसूचित जनजाति समाज के महिला, पुरुष एवं बच्चे
- कई स्थानों पर फुलों से व ठंडा पानी शरबत मट्ठा से किया लोगो का स्वागत

सीहोर। धर्मांतरित व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर करने के लिए हमें सडक से लेकर संसद के गलियारे तक आखिरी दम तक लडना होगा। अपनी हक की लड़ाई के लिए हम सभी को घर से निकलना होगा, तभी हमें सफलता मिलेगी।
यह आह्वान जनजाति सुरक्षा मंच के खेमसिंह जमरा झाबुआ से पधारे, प्रदेश सहसंयोजक जनजाति सुरक्षा मंच ने टाउन हाल परिसर में आयोजित आमसभा में किया। जनजाति सुरक्षा मंच के तत्वावधान में आज रविवार को आयोजित इस आमसभा में जिले के 200 से अधिक गांवों से 10 हजार से अधिक संख्या में अनुसूचित जनजाति के लोगों ने भाग लिया। इनमें महिलाऐं भी बडी संख्या में आई थी। श्री जमरा जी ने कहा कि हमारे समाज के लोगों को प्रलोभन देकर कुछ विघटनकारी शक्तियां धर्मांतरित कर रही हैं। जिससे हमारी संस्कृति को तो खतरा है ही साथ ही इससे हमारे बच्चों का हक भी मारा जा रहा है। अपनी संस्कृति, आस्था, परंपरा को त्याग कर ईसाई या मुसलमान बन चुके लोग 80 प्रतिशत लाभ जनजाति समुदाय से छीन रहे हैं। धर्मांतरित होकर लोग दोहरा फायदा उठा रहे हैं। ऐसे सभी लोगों को जनजाति की सूची से हटाने की मांग को लेकर स्वर्गीय कार्तिक उरांव ने पहली बार 1966-67 में 235 सांसदों के हस्ताक्षर से युक्त ज्ञापन तत्कालीन प्रधानमंत्री को दिया था। श्री उरांव ने पुनरू इस मुद्दे को 1970 में उठाया। उस समय 348 सांसदों ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, किंतु इतने प्रबल समर्थन के बाद भी इस मुद्दे पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जनजाति सुरक्षा मंच इस मांग को लेकर लगातार पूरे देश में जनजागरण अभियान चला रहा है। सुरक्षा मंच ने पूर्व में भी सन 2009 में देशभर से 28 लाख लोगों का हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल को सौंपा था, लेकिन तब भी इस समस्या के निदान हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसका मुख्य कारण था कि उस समय जनता अपने हक के लिए जागरुक नहीं थी, लेकिन आज जनजाति सुरक्षा मंच लोगों में चेतना लाने के लिए समाज के लोगों को प्रेरित कर रहा है। इसी का परिणाम है कि आज हजारों की संख्या में आप लोग यहां उपस्थित हैं। मुझे अब पूरी उम्मीद है कि जनता जनार्दन के सहयोग से निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा मंच ने 2020 में स्व. कार्तिक उरांव के जन्मदिन से देशभर में व्यापक अभियान छेड़ा और देश के 288 जिलों में राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपे गए। 14 राज्यों में राज्यपालों तथा 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी ज्ञापन दिए गए।
संस्कृति व स्वाभिमान को बचाए रखें
श्रीमति निर्मला बारेला आदिवासी वित्त विकास निगम, अध्यक्ष एवं जनजाति सुरक्षा मंच की कार्यकर्ता ने कहा कि हम बिरसा मुंडा, राजा शंकर शाह, तंटया मामा के वंशज हैं। इन्होंने प्रताडित होने के बाद भी देश और धर्म विरोधी लोगों के सामने घुटने नहीं टेके। अपनी संस्कृति और धर्म के लिए इन्होंने अपनी जान न्योछावर कर दी। हम लोगों का भी कर्तव्य है कि हम विघटनकारी लोगों के प्रलोभन में आकर अपनी संस्कृति और धर्म को नहीं छोड़ें।
जनजाति समाज के चार प्रतिशत लोगों ने किया धर्मांतरण
अब तक ईसाई व मुसलमानों ने प्रलोभन देकर जनजाति समाज के करीब चार प्रतिशत लोगों को धर्मांतरित कर लिया है। अब ये धर्मांतरित लोग एक ओर जनजाति समाज को मिलने वाले आरक्षण सहित अन्य सुविधाओं को छीन रहे हैं तो दूसरी ओर हमारी संस्कृति को नष्ट कर रहे हैं।
अपनी मांगों को लेकर निकाली डिलिस्टिंग महारैली
धर्मांतरण करने वालों को आरक्षण सहित अन्य सुविधाओं से वंचित करने की मांग को लेकर जनजाति सुरक्षा मंच ने डिलिस्टिंग महारैली निकाली। जो टाउन हाल से प्रारंभ होकर बस स्टेंड, आनंद डेरी चैराहा, कोतवाली चैराहा, पान चैराहा, लिसा टाकिज चैराहा, सिलाई सेंटर नमक चैराहा, जगदीश मंदिर चैराहा से होते हुए बस स्टेंड से पुनः टाउन हाल पर समापन हुई जहां लोगों ने नारे लगाये जो ना भोलेनाथ का, वो ना मेरी जात का नारा लगाया। रैली के दौरान भी लोग तख्तियां और झंडिया लेकर धर्मांतरण बंद करो, धर्म संस्कृति की रक्षा करो, धर्मांतरित जनजातियों का आरक्षण समाप्त हो-समाप्त हो, धर्म संस्कृति जो छोड़ेगो, आरक्षण वो खोएगा आदि नारे लगाते हुए चल रहे थे।
आमसभा में जनजाति सुरक्षा मंच के प्रदेश पदाधिकारी तिलकराज जी डांगी, राकेशसिंह ठाकुर, जयनारायण जी बारेला, पिकरा महाराज, जीवन महाराज, खेमसिंह जी जमरा, रमेशचंद्र जी बारेला, देवी सिंह धुुर्बे, विनोद जी कंगाली, गेंदराम पटेल, भुरला पटेल, आमलाल सरपंच, मांगीलाल जी, बांगा सरपंच, कैलाश जी रावत, शांतिलाल जी, श्रीमति कृष्णा सरलाम, फेरांग जी सरपंच, एवं जिले के जनप्रतिनिधी सुदेश राय, करण सिंह वर्मा, रघुनाथसिंह मालवीय एवं मंच संचालन रमेशचंद्र बारेला, परिचय दिनेश अहोरिया, आभार सुनील जी प्रजापति ने व्यक्त किया।